अगर आप पेरेंट्स बनने वाले हैं तो बच्चे की भलाई के लिए ये गलतियां कभी न करें

अगर आप पेरेंट्स बनने वाले हैं तो बच्चे की भलाई के लिए ये गलतियां कभी न करें

अम्बुज यादव

घर में नया मेहमान आने वाला हो और लोग तैयारी न करें, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। कोई पैरेंट बनने वाला होता है तो महीनों पहले ही बच्चे के आने की खुशी उसके घर में दिखाई देने लगती है। लोग बच्चे की मां का ध्यान ज्यादा रखने लगते हैं। यही नहीं बच्चें को कुछ न हो इसलिए घरों की सफाई और माहौल ठीक रखते है। इससे बच्चे की मां भी खुश और स्वस्थ रहती है और होने वाला बच्चा भी स्वस्थ रहता है। लेकिन खुशी में हम कई ऐसे काम कर जाते हैं जो बच्चे के लिए खतरनाक हो सकते हैं। तो आइए जानते है कि आखिर वो कौन से काम हैं जिसे गर्भ धारण करने के बाद महिलाओं को नहीं करने चाहिए?

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अगर आप पैरेंट बन रहे हैं तो आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है कि आप अपने होने वाले बच्चे का पूरी तरह से ख्याल रखें। जिससे कि वो गर्भ में पूरी तरह से स्वस्थ रह सके और स्वस्थ ही पैदा हो। गर्भवती होने के बाद बच्चे की मां को हर तरीके से अपना और अपने बच्चे का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। ऐसे में गर्भवती महिला को अपनी लाइफस्टाइल में भी बदलाव करने की जरूरत होती है। उन्हें कैफीन, अल्कोहल और खराब लाइफस्टाइल से दूरी बनाने की जरूरत होती है। 

हाल ही में एडवर्ड कॉलेज एंड वर्जिनिया मेरीलैंड कॉलेज में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि घर में इस्तेमाल होने वाली ऐसी कई चीजें होती है जिसका सीधा असर होने वाले बच्चे पर पड़ता है। 

घर की सफेदी (Wall paint)

अगर आप गर्भवती है और घर में सफेदी करने के लिए सोच रही हैं तो ऐसे में आपको इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि इसका सीधा असर आपके बच्चे पर पड़ेगा। आप कोशिश करें कि आप सफेदी करते समय ऐसी चीज का इस्तेमाल ना करें जिसमें ज्यादा मात्रा में केमिकल हो। 

मच्छर मारने वाली दवा (Mosquito repellant sprays)

कई बार मच्छर के ज्यादा होने पर आप अपने कमरे में मच्छर मारने की दवा छिड़क लेते हैं जो होने वाले बच्चे के लिए बिलकुल भी ठीक नहीं होती है। अगर आपको मच्छर मारने की दवा का इस्तेमाल  भी करना है तो इसके लिए आप या तो बहुत ही कम मात्रा में इसका छिड़काव करें या फिर आप उस कमरे में जाने से 1 या 2 घंटे पहले ही छिड़क लें। 

नैप्थलीन बॉल्स (Napthalene balls)

अक्सर कीटनाशकों को हटाने के लिए मुथबोल का इस्तेमाल किया जाता है और नुक्कड़ और क्रेनियों में बदबू को बेअसर कर दिया जाता है, जिसमें 98% नेप्थलीन होता है, जो हकीकत में एक तरह से जहर ही है। इसका इस्तेमाल करने से चक्कर आना और गर्भ में पल रहे बच्चे में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती है। 

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